उत्तर प्रदेश — देश का सबसे बड़ा राज्य, जहां आज योगी आदित्यनाथ जैसी निर्भीक और राष्ट्रवादी सोच वाली सरकार है।
जिसने माफियाओं की कमर तोड़ी, बुलडोज़र को न्याय का प्रतीक बना दिया, वहीं एक सवाल अब तेजी से उठ रहा है —
समाजवादी पार्टी (SP) के शासनकाल में हुए हजारों करोड़ के घोटालों पर आखिर योगी सरकार मौन क्यों है?
क्या सपा नेताओं की अकूत अवैध संपत्तियों पर कोई कार्रवाई होगी या सिर्फ चुनावी नारों तक सीमित रहेगा “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश”?
🔎 समाजवादी पार्टी का इतिहास: घोटालों की लंबी फेहरिस्त
1. 🛢 खनन घोटाला (₹1000+ करोड़)
- अखिलेश यादव के कार्यकाल में अवैध खनन का बड़ा रैकेट चला।
- सीबीआई ने खुद अखिलेश यादव का नाम पूछताछ में शामिल किया।
- लीज़ के नियमों की धज्जियां उड़ाकर करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया।
2. 🌊 गोमती रिवर फ्रंट घोटाला (₹1500 करोड़)
- योजना का उद्देश्य था लखनऊ को सुंदर बनाना, लेकिन हकीकत में बनी "लूट का फ्रंट"।
- आधे से ज्यादा भुगतान बिना काम के हो गए, गुणवत्ताहीन निर्माण हुआ।
- SIT जांच में कई इंजीनियरों और अफसरों की मिलीभगत उजागर हुई।
3. 🚔 पुलिस भर्ती घोटाला
- फर्जी दस्तावेज़ों, रिश्वत और सिफारिशों से भर्ती की गई पुलिस।
- जिसकी दक्षता और ट्रेनिंग पर गंभीर सवाल उठे।
4. 🧾 अन्य घोटाले:
- लेबर फंड घोटाला
- शैक्षिक संस्थानों में फर्जी एडमिशन
- भूमि कब्जा व ट्रस्ट घोटाले
🏗 अवैध संपत्तियाँ — जनता की लूट से खड़ी की गई 'राजनीतिक महल'
पूर्व मंत्रियों और नेताओं के पास अचानक आई संपत्तियाँ — लखनऊ, नोएडा, दुबई तक की प्रॉपर्टी।
RTI में खुलासा कि NGO, ट्रस्ट और फर्जी योजना के नाम पर करोड़ों की संपत्ति बनाई गई।
🙊 योगी सरकार का मौन: रणनीति या उदासीनता?
विकल्प 1: रणनीतिक मौन
चुनाव से पहले एक-एक कर केस खोलने की रणनीति? विपक्ष को समय पर चौंकाने की योजना?
विकल्प 2: कानूनी प्रक्रिया
ठोस सबूत जुटाने में वक्त लग रहा है ताकि केस कोर्ट में टिके और दोषियों को सजा मिले।
विकल्प 3: राजनीतिक समीकरण
क्या सपा नेताओं पर कार्रवाई से जातीय समीकरण बिगड़ने का डर है?
📣 जनता पूछ रही है:
- जब आज़म ख़ान पर बुलडोज़र चला, तो अन्य नेताओं पर क्यों नहीं?
- क्या योगी सरकार “बड़े मछलियों” को छोड़ रही है?
- भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस सिर्फ नारों तक क्यों?
💥 अब वक्त है निर्णायक कार्रवाई का
“भ्रष्टाचार का इलाज केवल बयान नहीं, बुलडोज़र है।”
अगर सरकार वाकई ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर है, तो सपा नेताओं पर कार्रवाई से जनता को भरोसा और मजबूती मिलेगी।
🔚 निष्कर्ष:
“अगर सपा की संपत्तियों पर चुप्पी रही, तो ये चुप्पी योगी सरकार पर भी सवाल बन जाएगी।”
📢 आपकी राय क्या है?
👇 कमेंट करें, शेयर करें, और इस मुद्दे को वायरल बनाएं — ताकि सत्ता की कुर्सी पर बैठे लोग सुन सकें जनता की आवाज़।
🔔 ऐसी ही राष्ट्रवादी और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स के लिए फॉलो करें —
👉 NowOrNever News
Post a Comment