🇹🇭 थाईलैंड ने साफ़ कहा —
"कम्बोडिया से सीधी बात करेंगे, किसी तीसरे देश की ज़रूरत नहीं!"
🔻 संघर्ष बढ़ा, 130,000 लोग घर छोड़ने को मजबूर
🔻 कम्बोडिया ने UN से दखल की माँग की
🔻 थाईलैंड बोला — "हिंसा पहले रोको, फिर बात होगी"
🧠 मामला क्या है? (पूरा विवरण नीचे पढ़ें)
🔗 reuters.com/world/asia-pacific/thailand-favours-direct-talks-end-cambodia-conflict-rather-than-mediation-2025-07-25/
#Thailand #Cambodia #ASEAN #Geopolitics
🧠 मामला क्या है? (पूरा विवरण यहां पढ़ें):
थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच सीमा पर हालिया हिंसक झड़पों ने एक बार फिर पूरे क्षेत्र को हिला दिया है।
24–25 जुलाई को गोलाबारी में 16 से ज्यादा लोग मारे गए और 1.3 लाख से अधिक नागरिकों को घर छोड़ना पड़ा।
इस संकट पर थाईलैंड की विदेश नीति साफ़ है —
“हम किसी अमेरिकी, चीनी या ASEAN मध्यस्थता को नहीं मानते। समाधान सिर्फ थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच सीधी बातचीत से होगा।”
वहीं कम्बोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दी और थाईलैंड पर “बिना उकसावे के हमले” का आरोप लगाया।
ASEAN और UN दोनों ने संयम की अपील की है लेकिन थाईलैंड फिलहाल किसी भी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से इंकार कर रहा है।
🤔 मतलब साफ़ है — यह सिर्फ सीमावर्ती गोलीबारी नहीं, बल्कि दो पड़ोसी देशों के बीच राजनयिक शक्ति संतुलन की लड़ाई भी है।
"कम्बोडिया से सीधी बात करेंगे, किसी तीसरे देश की ज़रूरत नहीं!"
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