🚨 सिर्फ 30 सेकंड और पूरी दुनिया तबाह हो सकती थी: ब्रह्मोस हमले पर पाकिस्तान का बड़ा खुलासा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक राना सनाउल्लाह ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने बताया कि भारत द्वारा की गई ब्रह्मोस मिसाइल की स्ट्राइक के समय पाकिस्तान के पास केवल 30 से 45 सेकंड का समय था यह तय करने के लिए कि वह मिसाइल पारंपरिक थी या परमाणु।
🇮🇳 ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सख्त कार्रवाई
यह हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया था, जिसे भारत ने जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया। इस अभियान के अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी अड्डों और सामरिक ठिकानों को निशाना बनाया।
⚠️ “हमें नहीं पता था ये परमाणु मिसाइल है या नहीं”
राना सनाउल्लाह के अनुसार, जब यह हमला हुआ तो पाकिस्तान की सेना हाई अलर्ट पर थी। मिसाइल की दिशा, गति और प्रभाव को देखकर कुछ सेकंड के लिए संदेह हो गया कि कहीं यह परमाणु हमला तो नहीं। उन्होंने कहा कि "अगर उस समय हमने गलत निर्णय लिया होता, तो शायद आज पूरी दुनिया एक बड़ी तबाही का सामना कर रही होती।"
🌍 ट्रंप ने बचाई दुनिया?
राना का यह भी दावा है कि इस पूरी स्थिति को नियंत्रित करने में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका अहम रही। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने हस्तक्षेप करके भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टाल दिया। हालांकि भारत सरकार ने इस दावे से इनकार किया है और कहा कि दोनों देशों के सैन्य स्तर पर संवाद के जरिए ही तनाव कम किया गया।
🧠 परमाणु युद्ध और शांति के बीच की दूरी
यह घटना दर्शाती है कि किस तरह मात्र कुछ सेकंड में दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध की संभावना बन सकती है। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी का यह सबसे खतरनाक चरण था, जिसमें पूरी दुनिया अनजाने में एक गंभीर संकट से गुजर रही थी।
📌 निष्कर्ष
यह घटना सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि एक ऐसा मोड़ था जहां मानवता और विनाश के बीच कुछ ही पल का अंतर रह गया था। ऐसे में वैश्विक कूटनीति, शांतिपूर्ण संवाद और विवेकपूर्ण निर्णय की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
“परमाणु युद्ध और शांति के बीच सिर्फ एक गलत अनुमान की दूरी होती है।”
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