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लॉस एंजेलिस में मच गया हड़कंप! ट्रंप प्रशासन ने भेजे 700 मरीन, तनाव चरम पर

अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य में हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। लॉस एंजेलिस में चल रहे प्रदर्शनों के बीच ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉस एंजेलिस के कुछ संवेदनशील इलाकों में 700 मरीन सैनिकों को हाई अलर्ट पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, 2,000 से अधिक नेशनल गार्ड पहले से मौजूद हैं।

क्यों फैला तनाव?

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ICE द्वारा की जा रही छापेमारियों के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी इन कार्रवाइयों को अमानवीय बता रहे हैं। कुछ इलाकों में हालात इतने बिगड़ गए कि स्थानीय पुलिस के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो गया।

ट्रंप प्रशासन की सख्ती

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने लॉस एंजेलिस में उत्पन्न स्थिति को ‘संभावित अशांति’ मानते हुए सैन्य हस्तक्षेप की तैयारी कर ली है। मरीन सैनिकों को ट्‍वेंटी नाइन पाम्स स्थित कैंप से बुलाया गया है और उन्हें तुरंत तैनात कर दिया गया है।

क्या ये कदम कानूनी है?

कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और एलए की मेयर करेन बैस ने इस तैनाती पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह राज्य की स्वायत्तता का उल्लंघन है और इस संबंध में वे कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहे हैं।

वहीं कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सैनिकों का उपयोग घरेलू कानून लागू करने के लिए किया गया, तो यह ‘Posse Comitatus Act’ का उल्लंघन माना जा सकता है। यह कानून अमेरिका में सेना की सीमाओं को स्पष्ट करता है।

जनता का बढ़ता आक्रोश

सड़कों पर उतरे लोग न सिर्फ ICE की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, बल्कि सैन्य हस्तक्षेप को भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक बता रहे हैं। कुछ स्थानों पर प्रदर्शन और पुलिस के बीच टकराव की खबरें भी सामने आई हैं।

आगे क्या?

स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि आने वाले दिन अमेरिका के लिए और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अगर राज्य और केंद्र के बीच टकराव और बढ़ा, तो यह पूरा घटनाक्रम राष्ट्रीय राजनीति में अहम मोड़ बन सकता है।

निष्कर्ष

लॉस एंजेलिस में तैनात किए गए मरीन सैनिक फिलहाल हाई-अलर्ट पर हैं, और ट्रंप प्रशासन के इस कदम से राजनीतिक व कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। एक ओर जहां प्रशासन इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने का ज़रिया मान रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार और जनता इस कदम को अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देख रही है।


📌 Disclaimer (Hindi):

यह ब्लॉग केवल सूचना साझा करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट्स और मीडिया स्रोतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति, संस्था या सरकार पर प्रत्यक्ष आरोप लगाना नहीं है।

📌 Disclaimer (English):

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